RBI News: नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे आज के इस नए आर्टिकल में हाल ही में आरबीआई के गवर्नर की ओर से एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है इसके अंतर्गत देश की स्थिति की और मौद्रिकी स्थिति के अंतर्गत नई नीतियों पर बयान सामने आया है जहां पर जानकारी में पाया गया है की कर्ज लेने वाले व्यक्तियों के लिए कुछ नए नियम जारी किए गए हैं।
ब्याज दरों पर स्थिति
गवर्नर की ओर से स्पष्ट रूप से बताया गया है कि वर्तमान समय में ब्याज दरों में बदलाव को कोई नियम से पारित नहीं किया जाएगा इसके अतिरिक्त महंगाई दर लक्षण 4% तक पहुंचती है तो नीतिगत दरों में किसी प्रकार का बदलाव नहीं होगा इसके अतिरिक्त बयान में निवेशकों एवं उद्योगों के लिए कुछ महत्वपूर्ण संकेत जारी किए गए हैं।
महंगाई दर का लक्ष्य
आरबीआई द्वारा बताया गया है कि महंगाई दर को चार प्रतिशत पर बनाए रखना है तथा गवर्नर का मानना है कि इस दिशा में विशेष प्रगतिजनक संतोषजनक महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए यह स्थाई रूप से चार प्रतिशत के करीब पहुंचने वाला है। साथ ही नीतिगत रूप में बदलाव पर भी विचार किया जा सकता है।
आर्थिक विकास का अनुमान
अतिरिक्त जानकारी में पाया गया है कि वित्त वर्ष 2024 25 के अनुसार आर्थिक विकास के अनुमापन को बढ़ाकर 7.2% तक का कर दिया है इसके सा गवर्नर दास द्वारा बताया गया है की अर्थव्यवस्था में किसी भी प्रकार के नकारात्मक संकेत दिखाई दे इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है एवं निजी का पद में भी वृद्धि के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार की मांग की जा रही है।
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महंगाई दर का अनुमान
वर्तमान स्थिति में आरबीआई की ओर से वित्त वर्ष के लिए आवश्यक महंगाई दर 4% अथवा 4.5% रहने का अनुमान जताया गया है। साथ ही पहली तिमाही में 4.9% दूसरी में 3.8 प्रतिशत तीसरे में 4.6% एवं तिमाही में 4.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।
बयान का महत्व
मुख्य रूप से संकेत में पाया गया है कि निकट भविष्य में ब्याज दरो में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं होगा। दर्शाता है कि आरबीआई की ओर से महंगाई नियंत्रण तो मुख्य रूप से प्राथमिकता दी जा रही है साथ ही आशावादी दृष्टिकोण को व्यक्त किया जा रहा है एवं निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत दिए जा रहे हैं। आरबीआई स्पष्ट रूप से बताता है कि अपने नीतिगत निर्णय में सावधानी और धैर्य बर्तन आवश्यक है।
मुख्य रूप से गवर्नर दास के इस बयान में पाया गया है कि आरबीआई महंगाई नियंत्रण एवं आर्थिक विकास के बीच संतुलन बनाने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है साथ ही आंकड़ों के अनुसार यह निश्चित होगा कि आरबीआई की ओर से मौद्रिक नीति में किस प्रकार के बदलाव होने वाले हैं। वर्तमान समय में स्थिरता एवं सावधानी आरबीआई की प्रमुख राजनीति का हिस्सा दिखाई दे रहे हैं।