नमस्कार साथियों स्वागत है आपका हमारे आज के इस समय आर्टिकल में पेंशन धारकों की सुविधा को बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार की ओर से CPENGRAMS PORTAL और पेंशन अदालत की शुरुआत करी है जिसके तहत देश के लाखों पेंशन होगी तो पेंशन बढ़ाने का मौका मिलता है साथ ही बचा हुआ एरियर भी प्राप्त कर सकते हैं। यदि आपको भी लगता है आपकी पेंशन कम है और Arrear प्राप्त नहीं हुआ है। ऐसी अवस्था में आप अपनी पेंशन को बढ़ा सकते हैं साथ ही लाखों रुपए का एरियर भी प्राप्त होगा। जानते है पूरी जानकारी कैसे कर सकते हैं इसे क्लेम।
पेंशन एवं पेंशन भोगी कल्याण विभाग की ओर से समय-समय पर कुछ कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसके तहत शिकायत होने पर CPENGRAMS PORTAL पे शिकायत दर्ज करने की सुविधा उपलब्ध है और यहां से शिकायत दर्ज करने पर इसका तुरंत हल किया जाता है। पेंशन अदालत में गृह मंत्रालय, रक्षा, वित्त विभाग, सीबीडीटी, आर्थिक मामलों के विभाग, पूर्व सैनिक कल्याण विभाग, रेल मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय इत्यादि पेंशन भोगी सम्मिलित हो सकते हैं। इसके तहत मामलों को तुरंत निपटाया जाता है।
10.37 लाख रुपये की सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी Arrear स्वीकृत
सेवानिवृत्ति के बाद से कोई पेंशन भोगियों को गारंटी नहीं मिली ऐसे में वह एकीकृत पेंशन होगी शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली के तहत CPENGRAMS PORTAL पर शिकायत दर्ज करी और मामला अदालत तक गया । इसके साथ ही मैच्योरिटी पूर्ण होने पर आपको लाखों रुपए का भुगतान प्राप्त होगा। और शिकायत का समाधान करने के लिए पेंशन एवं पेंशन कल्याण विभाग की सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध होने वाली है।
अवकाश नकदीकरण के लिए 26.75 लाख रुपये मिले
जानकारी के अनुसार एसोसिएट प्रोफेसर पद से सेवानिवृत पीड़ित डॉक्टर अरविंद कुमार को सेवानिवृत के बाद अवकाश नगदी करण प्राप्त नहीं हुआ ऐसे में उन्होंने अपना मामला शिकायत के माध्यम से दर्ज किया और उनका मामला पेंशन अदालत तक पहुंचा साथ ही याचिका करता होने के बाद अवकाश और केंद्र सरकार समूह बीमा की ओर से उन्हें उनकी राशि उपलब्ध कराई गई।
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8 साल बाद PPO में दूसरी पत्नी का नाम शामिल करना
जानकारी के अनुसार एक शिकायत दर्ज हुई थी जहां पर 85 बटालियन बीएसएफ बहादुर शाही 1988 में सेवानिवृत हुए और उनकी पहली पत्नी की मृत्यु के बाद दूसरी महिला से विवाह किया उन्होंने पिछले 8 वर्षों से दूसरी पत्नी के नाम PPO में सम्मिलित करने का अनुरोध किया। और इनका मामला भी अदालत तक पहुंचाया गया जहां से उन्हें दूसरी पत्नी के नाम पर PPO में सम्मिलित होने की हरी झंडी मिली।