नमस्कार साथियों स्वागत है आपका हमारे आज के इस नए आर्टिकल में, आज की यह खबर सभी पेंशन भोगियों और कर्मचारियों के लिए बहुत ही राहत भरी हो सकती है। हाल ही में राज्य सरकार के नए निर्देशों के अनुसार वेतन भोगियों के साथ-साथ पेंशन के मुद्दे का समाधान सामने आता हुआ नजर आ रहा है इससे सभी कर्मचारी और पेंशन भोगियों को पेंशन के मामले में किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
वेतन में विसंगति में शपथपत्र देना आवश्यक है
जानकारी के अनुसार अपर आयुक्त मिलिंद लाल ने कर्मचारियों के बीच वेतन के असमान वितरण एवं पेंशन से संबंधित योजना के बारे में विभागों को पत्र भेजे हैं जिसके तहत निर्देशों के अंतर्गत विभाग को शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि संबंधित वेतन भुगतान किए जाने के मामले है। इसके अलावा पाया जाता है कि छात्र के विभागाध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
वेतन और पेंशन मामलों का त्वरित निपटान
संबंधित जानकारी में जोऱ दिया जा रहा है कि वेतन एवं पेंशन विवाद जैसे कई सारी दिशा निर्देशों के अनुसार तीन चरण और चार चरण को उनके संबंधित वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले ही समाप्त कर देना चाहिए। इसके अलावा मुख्य रूप से पेंशन प्रतिमाह में विशेष रूप से सेवानिवृत्ति कर्मचारी एवं पेंशन भोगियों को सरकार के द्वारा निश्चित करवाना चाहिए कि योजना बना रही है और सेवानिवृत्ति लोगों को कोई समस्या खड़ी करें बगैर सभी प्रक्रिया को पूर्ण करना आवश्यक है।
इन्हे भी पढ़ें : अब जिओ एयरटेल की लगेगी वाट, अब BSNL में मिलेगी सॉलिड इंटरनेट स्पीड
कानूनी समस्याओं को कम करने कुशल प्रक्रियाएँ
ऐसी परिस्थिति के चलते राज्य कर विभाग की ओर से निर्देश को पेश किया है और सेवानिवृत्ति के लिए सभी पात्र कर्मचारी एवं रिकॉर्ड की जांच करना आवश्यक है और किसी भी विसंगति को दूर करने के लिए कदम उठाना चाहिए। इसके अतिरिक्त 8 महीने से कम नहीं होना चाहिए और यह मामला सुलझाने के लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है साथ ही इसकी अदालत मामलों की पेशकश सुनिश्चित हो सकती है और सेवानिवृत कर्मचारियों के लिए यह अधिकार सुविधा के साथ मिलने वाला है।