Banking System Changes: 1 जून 2024 से भारतीय बैंकिंग प्रणाली में कई महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहे हैं। ये नए नियम ग्राहकों के लेन-देन, खाता प्रबंधन और बैंकिंग सुविधाओं को प्रभावित करेंगे। अगर आप इन बदलावों से अनजान हैं, तो आपको अचानक आश्चर्य या परेशानी हो सकती है। इसलिए, आज हम आपको बैंकिंग दुनिया में होने वाले पाँच प्रमुख बदलावों के बारे में विस्तार से बताएँगे।
बिना KYC अपडेट के बैंक खाते होंगे फ्रीज
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि जिन ग्राहकों ने अपना KYC (Know Your Customer) दस्तावेज़ अपडेट नहीं कराया है, उनके खातों को 1 जून से फ्रीज कर दिया जाएगा। इसका मतलब है कि आप अपने खाते से पैसे नहीं निकाल पाएँगे और न ही ऑनलाइन लेन-देन कर पाएँगे।
क्या करें?
- अगर आपने पिछले कुछ वर्षों में अपना KYC दस्तावेज़ (जैसे पैन कार्ड, आधार कार्ड, पते का प्रमाण) अपडेट नहीं कराया है, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें।
- अधिकतर बैंक ऑनलाइन KYC अपडेट की सुविधा देते हैं, जिसके लिए आप मोबाइल बैंकिंग या नेट बैंकिंग का उपयोग कर सकते हैं।
डेबिट और क्रेडिट कार्ड के नए नियम
RBI ने कार्ड धारकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब से:
- कार्ड की स्वचालित रिन्यूअल प्रक्रिया बदल जाएगी। कुछ बैंक नए कार्ड जारी करने से पहले ग्राहकों से पुष्टि करेंगे।
- अनएक्टिव कार्ड्स को बंद किया जा सकता है। अगर आपने अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल लंबे समय से नहीं किया है, तो बैंक उसे डिएक्टिवेट कर सकता है।
- अंतरराष्ट्रीय लेन-देन के लिए अलग से अनुमति लेनी होगी। अगर आप विदेश में ऑनलाइन खरीदारी करते हैं या विदेशी वेबसाइट्स से पेमेंट करते हैं, तो आपको अपने बैंक ऐप या नेट बैंकिंग के जरिए इसे एक्टिव करना होगा।
क्या करें?
- अपने कार्ड की एक्टिविटी चेक करें। अगर आपको लगता है कि आपका कार्ड अनएक्टिव हो सकता है, तो बैंक से संपर्क करें।
- विदेशी लेन-देन के लिए पहले से ही अपने कार्ड को अंतरराष्ट्रीय उपयोग के लिए सक्षम कर लें।
UPI लेन-देन पर नई सीमा और चार्ज
UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे लोकप्रिय तरीका बन चुका है। लेकिन 1 जून से UPI के कुछ नियम बदल रहे हैं:
- ₹5000 से अधिक के UPI लेन-देन पर अतिरिक्त सत्यापन जरूरी होगा। इसके लिए आपको अपने बैंक ऐप पर OTP या UPI PIN डालना होगा।
- कुछ मर्चेंट पेमेंट्स पर अब चार्ज लग सकता है। पहले UPI पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता था, लेकिन अब कुछ बड़े लेन-देन या कमर्शियल ट्रांजैक्शन्स पर छोटा सा फीस लागू हो सकता है।
क्या करें?
- बड़े भुगतान करते समय OTP या UPI PIN का इंतजार करें।
- अगर आप व्यापारी हैं और UPI के जरिए बड़ी रकम प्राप्त करते हैं, तो हो सकता है कि आपको थोड़ा चार्ज देना पड़े।
बैंक खातों में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर जुर्माना
कुछ बैंकों ने न्यूनतम बैलेंस न रखने पर जुर्माने की राशि बढ़ा दी है। अगर आपके सेविंग्स अकाउंट में निर्धारित न्यूनतम राशि नहीं है, तो बैंक प्रति माह ₹200 से ₹500 तक का चार्ज ले सकता है। यह नियम विशेष रूप से पब्लिक सेक्टर बैंक्स और कुछ प्राइवेट बैंकों पर लागू होता है।
क्या करें?
- अपने बैंक के न्यूनतम बैलेंस नियमों की जाँच करें।
- अगर आप नियमित रूप से न्यूनतम राशि नहीं रख पा रहे हैं, तो जीरो बैलेंस अकाउंट में शिफ्ट होने पर विचार करें।
लोन और क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान में देरी पर भारी जुर्माना
RBI ने लोन और क्रेडिट कार्ड बिल के भुगतान में देरी करने वाले ग्राहकों के लिए सख्त नियम बनाए हैं:
- अब एक दिन की देरी पर भी पेनल्टी लगेगी। पहले कुछ बैंक 3-5 दिन की ग्रेस पीरियड देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
- क्रेडिट कार्ड बिल का न्यूनतम भुगतान (Minimum Due) न करने पर CIBIL स्कोर प्रभावित होगा।
क्या करें?
- हमेशा अपने क्रेडिट कार्ड बिल और लोन EMI समय पर भरें।
- अगर आपको कोई आर्थिक समस्या है, तो पहले ही बैंक से बात करके एक नया पेमेंट प्लान बनवा लें।
निष्कर्ष
ये बदलाव ग्राहकों की सुरक्षा और बैंकिंग प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए किए गए हैं। अगर आप इन नए नियमों के बारे में पहले से जागरूक हैं, तो आपको किसी भी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
अपने बैंक की वेबसाइट या ऐप पर नियमित अपडेट्स चेक करते रहें और जरूरत पड़ने पर बैंक प्रतिनिधि से संपर्क करें। स्मार्ट बैंकिंग की आदतें अपनाकर आप इन बदलावों का लाभ उठा सकते हैं!
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